अंगुलियों ने जब से लिखकर बोलना शुरू किया शब्द मौन है , और स्वर बैचेन , ध्वनियों ने खिल कर बिखरना छोड़ दिया है,, होठों ने खुलकर हंसना छोड़ दिया , दिल है की खुश होना चाहता है, पर दिमाग ने कहीं भी रुकना ,सोचना ,समझना बंद कर दिया है ,,, अंगुलियों ने जबसे बोलना […]