पुरुष के भी थोड़े से आंसू बहने जरूरी है
अक्सर रोने की सामान्य प्रक्रिया को लोगों ने स्त्रीत्व की निशानी बना दिया है और अक्सर एक डायलॉग हमें सुनाई देता है क्या औरतों की तरह रोता है पुरुष व्यक्तित्व के साथ यहीं से खिलवाड़ शुरू हो जाता जब बचपन में उससे रोने और अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का अधिकार छीन लिया जाता है भारतीय समाज में लड़का और लड़की के परिवेश या कहे की लालन पालन में बचपन से ही अलग अलग तरीके से सिखाया और समझाया जाता है लड़कों के रोने, भावनाओं को व्यक्त करने ,और डरने से रोका जाता है और हर परिस्थिति में बलशाली मजबूत बने रहने की जरूरत उसे महसूस करवाई जाती है भारत देश में शरीर से चाहे कमजोर हो लेकिन मन मस्तिष्क,विचारों से मजबूत और परिवार पर नियंत्रण ( डॉमिनेंट) करने वाला पुरुष ही स्वीकार्य है
जबकि प्रकृति ने स्त्री पुरुष की रचना करते समय ऐसा विभेद नहीं किया है कुछ शारीरिक बदलाव और प्रक्रियाओं के अलावा समस्त संरचना और प्रक्रियाएं लगभग समान ही है उसी प्रक्रिया में खुल कर बोलना ,भावनाओं को व्यक्त करना , रोना , और दिल में कोमलता के भाव रखना ,सहनशीलता, स्नेह सभी कुछ शामिल हैं ।
लेकिन समाज की पुरुष मानसिकता ने पुरुष से उसकी कोमलता ,स्नेह और भावनाओं को व्यक्त करने और रोने के अधिकार को छीन कर उसके मानसिक विकास को दुष्प्रभावित कर दिया है
जिससे आज का पुरुष मानसिक विकृतियों ,तनाव ,अवसाद को झेलते हुए स्त्रियों ,परिवार ,और समाज में सामान्य व्यवहार करने की बजाय असामान्य व्यवहार या कहें की दुर्व्यवहार ज्यादा कर रहा है, उसका आचरण, भाषा शैली, आपसी सम्बन्ध, सभी इसी पुरुष सत्तात्मक मानसिकता से प्रभावित होकर समाज को तो नुकसान पहुंचा ही रही है साथ ही पुरुष को स्वयं को भी सामान्य जीवन जीने से रोक रही है। पुरुष इसी पुरुष सत्तात्मक मानसिकता के दवाब के कारण रिश्तों को सामान्य तरीके से संचालित करने में असफल हो रहा है अतः अब आवश्यकता है कि हम नई पीढ़ी को इस तरह विकसित करें की वो अपनी सभी अच्छी बुरी भावनाओं को खुल कर व्यक्त कर सके, अपनी गलतियों और कमजोरियों को स्वीकार कर सके और जहां खुल कर बोलने, आंसु बहाने की आवश्यकता हो खुल कर बहा सके। क्योंकि आंसु बहाना स्त्री का गुण नहीं बल्कि सभी के लिए दुःख ,समस्या और तनाव को कम करने का एक साधारण सा लेकिन अति आवश्यक तरीका है।
तो, बहने दो इन आंसुओं को बिना शब्दों के भी सब कुछ कहने दो,,,3
सीमा हिंगोनिया
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक