कार्यस्थल पर यौन शौषण (निवारण, निषेध ,प्रतितोष) अधिनियम 2013 के लागू हुए आज दस वर्ष से अधिक समय होने के उपरांत भी आज तक इस कानून की जानकारी सभी महिलाओं को नहीं है।इसमें बनाई गई आंतरिक परिवाद समिति, स्थानीय परिवाद समितियों तक पीड़ित महिलाओं की पहुंच नहीं है और न ही कार्यस्थल के नियोक्ता, नियोजक […]
महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों की पैरोकार महान नायिकाएं
आजादी के उपरांत 26 नवंबर 1949 के दिन देश का संविधान बन कर तैयार हुआ सभी जानते हैं कि इसे बनाने में पूरे दो साल 11 महीने और 18 दिन लगे और इसमें कुल 299 लोगों का योगदान रहा है।इस महान ग्रन्थ में जो हमारे देश के हर व्यक्ति को सम्मान से जीने का अधिकार […]
विचारों को पढ़ना ज्यादा जरूरी है कभी कभी किसी अन्य के विचार आपको सही दिशा दे सकते हैं।
जीवन का फंडा “”तुम कहां किसी पर निर्भर हो हे नारी ,,,, हे नारी तुम तो खुद ही जननी ,अन्नपूर्णा ,लक्ष्मी , सरस्वती और दुर्गा हो तो फिर यह भ्रम क्यों पाल रखा है की तुम किसी पर निर्भर हो ?????? आजकल हमारे चारों तरफ यहां तक की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी महिला सशक्तिकरण का […]